समस्त जीव सृष्टी के प्रति समता स्वरूप सामाईक ऐसा महाव्रत है, एसा धर्म-कृत्य है, जिसका हर तीर्थंकर उपदेश देते है। उसी सामाईक के बारे मे विशेष जानकारी, सामाईक के लाभ और लौकिक अलौकिक फल।
अति सुन्दर, उतम ओर जिज्ञासु, जैन धर्म के आचरण, विचार के विद्यार्थी के लिए आवश्यक है।
संसार में रहते हुए जीवन संधर्ष में आत्मा को चिरंतर शांति दे सकते है।