यह कथानक भगवान महावीर के 10 महाश्रावकों के सुन्दर व आदर्शमय जीवन का झरोखा है। उपासकदशांग आगम में तथा खरतर बिरूद धारक जिनेश्वरसूरि के शिष्य नवांगी टीकाकार अभयदेवसूरिजी ने उपासकदशांग की टीका में इन सभी उत्तम श्रावकों का विवेचन है, उसी का सारभूत अंश इस किताब में समाहित है।