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Panchlingi Prakaran Part-6

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खरतर बिरूद धारक आचार्य जिनेश्वरसूरि कृत,मोक्ष के मुल उपाय सम्यकदर्शन के शम, संवेग आदि पाच लिंगो यानी लक्षणों पर 101 प्राकृत गाथाऔं में रचित अनुठे ग्रंथ पर आठ भागों में शोध प्रबंध।आचार्य जिनेश्वरसूरि के पाट पर संवेगरंगशालाकार जिनचंद्र सूरि जिनके पाट पर नवांगी वृर्तीकार अभयदेवसूरि इस प्रकार खरतरगच्छ पाट परंपरा आगे चली। प्रस्तुत भाग मे पुण्य, पाप, आश्रव, संवर, निर्जरा, बंध एवं मोक्ष तत्व की विस्तृत समीक्षा की गई है।
Language title : पंचलिंगी प्रकरण भाग ६
Category : Books
Sub Category : Tattvagyan

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