क्या आप जीवन में उठनेवाले क्लेशों से थक चुके हो और हैरान हो कि नए क्लेश कहाँ से उत्पन्न हो जाते हैं ? क्लेश रहित जीवन के लिए आपको केवल पक्का निश्चय करना है कि आप लोगों के साथ सारा व्यवहार समभाव से निपटाओगे बिना सफलता की चिंता किये बिगैर | फिर एक दिन जीवन में शांति आकर ही रहेगी। यदि बीवी-बच्चों के साथ बहुत उलझे हुए कर्म हों तो निकाल करने में अधिक समय लग जाता है। करीबी लोगों के साथ उलझने क्रमशः ही समाप्त होती हैं। चिकने कर्मों का निकाल करते वक्त आपको अत्यंत जागृत रहना होगा। अगर आपने लापरवाही और सुस्ती दिखाई तो इन मामलों को सुलझाने में असफल होंगे। यदि कोई आपको कटु वाणी बोल दे और आपकी भी कटु वाणी निकल जाए, तो आपके बाहरी व्यवहार का कोई महत्व नहीं, क्योंकि आपकी घृणा समाप्त हो चुकी है और आपने समभाव से निकाल का दृढ़ निश्चय कर रखा है। “प्रतिशोध के सभी भावनाओं से मुक्त होने के लिए आपको परम पूज्य दादाश्री के पास आकर ज्ञान ले लेना चाहिए। मैं आपको इसी जीवन में प्रतिशोध की सभी भावनाओं से मुक्त होने का रास्ता दिखाऊँगा। जीवन से थके हुए लोग मृत्यु क्यों ढूँढते हैं? ऐसा इसलिए क्योंकि वे जीवन के तनाव का सामना नहीं कर पाते। इतने अधिक दबाव में आप कितने दिन जीवित रह सकते हो ? कीड़े-मकोडों की तरह, आज का मनुष्य निरंतर संताप में है। मनुष्य का जीवन मिलने के बाद किसी को कोई दुःख क्यों हो? सारा संसार संताप में है और जो संताप में नहीं है, वे काल्पनिक सुखों में खोए हुए हैं। इन दोनों छोरों के बीच संसार झूल रहा हैं। आत्मज्ञानी होने के बाद, आप सभी कल्पनाओं और वेदनाओं से मुक्त हो जाओगे।’’ दादाश्री की इस पुस्तक में क्लेश रहित जीवन जीने की चाबियाँ और समझ दी गई हैं।