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भुगते उसी की भूल!

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जो दुःख भोगे तो उसकी भूल और सुख भोगे तो उसका इनाम। लेकिन भ्रांति का कानून निमित्त को पकड़ता है। भगवान का कानून, रीयल कानून, तो जिसकी भूल होगी, उसको पकड़ेगा। वह कानून एक्ज़ेक्ट है और उसमें कोई परीवर्तन कर सके, ऐसा है ही नहीं। ऐसा कोई कानून जगत् में नहीं है जो किसी को ‘भुगतना’ [दुःख] दे सके। जब कभी हमें अपनी भूल के बिना भुगतना पड़ता है, तब हृदय को चोट लगती है, और वह पूछता है – मेरा क्या कसूर है ? मैंने क्या गलत किया ? भूल किसकी है ? चोर की या जिसका चुराया गया है उसकी ? इन दोनों में से कौन भुगत रहा है ? “जो भुगते उसीकी भूल”। प्रस्तुत संकलन में, दादाश्री ने “भुगते उसीकी भूल” का विज्ञान प्रकट किया है। इसे प्रयोग में लाने से आपकी सारी गुत्थियाँ सुलझ जाएँ, ऐसा अनमोल यह सूत्र है।
Language title : भुगते उसी की भूल!
Author :
Category : Books
Sub Category : General
Sect : Dada Bhagwan
Language : Hindi
No. of Pages : 38
Keywords : a

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