यदि एक सीवर में बदबू आए तो क्या हम सीवर से लड़ते हैं ? इसी प्रकार ये झगडालू दृष्टिकोणवाले मनुष्य भी दुर्गंध फैलाते हैं, तो क्या हम उनसे कुछ कहने जाएँ ? दुर्गंध फैलाए वे सभी सीवर कहलाएँ, तथा सुगंध फैलाए वे सभी बाग़ कहलाएँगे। जिस-जिस से दुर्गंध आती है, वे सभी कहते हैं, “आप हमसे वीतराग रहें” | हमने जीवन में अनेकों बार, परिस्थितियों के साथ समझौता किया है। उदाहरणत: बारिश में हम छाता लेकर जाते हैं। पढाई पसंद हो या न हो करनी ही पड़ती है। ये सभी एडजस्टमेन्ट लेने पड़ते हैं। फिर भी नकारात्मक लोगों से सामना होने पर हम टकराव में आ जाते हैं। ऐसा क्यों होता है ? परम पूज्य दादाश्री ने खुलासा किया है कि ‘एडजस्ट एवरीव्हेर’ वह ‘मास्टर की’ है जो आपके संसार को सुखमय बना देगी। यह सरल सूत्र आपके संसार को बदल देगा! और जानने के लिए आगे पढ़े...